मैंने पूछा- "सुपरमैन, उदास क्यों हो ? "
सुपरमैन ने मुझे देखा- "मैं यह धरती छोड़कर जा रहा हूं, किसी और ग्रह पर। मैं ही नहीं, सारे सुपरहीरो, बैटमैन, महाबली बेताल, फ्लैश गॉर्डन सब जा रहे हैं। "
मैंने कहा- "सारे सुपरहीरो चले जाएंगे तो धरती का क्या होगा ?"
उसने कहा- "अब हमारी जरूरत नहीं रही, हम सबने रिटायरमेंट का फैसला किया है।"
मैंने पूछा- "क्यों ? क्यों ? क्यों ?"
पहली बार ऐसा हुआ है कि सुपरमैन से लेकर रजनीकांत तक सब अपने आप को बेकार महसूस कर रहे हैं।
सुपरमैन ने कहना जारी रखा- "जब नरेन्द्र मोदी हैं तो दुनिया में कोई समस्या नहीं रहेगी, न अपराध, न गरीबी, न भ्रष्टाचार, न बीमारी, फिर हम करेंगे क्या ?"
मैं कुछ कह नहीं सकता था, उसकी व्यथा वास्तविक थी और उसका इलाज मेरे पास नहीं था। होता भी कैसे, आम लोगों की समस्याएं सुपरमैन चुटकियों में सुलझाता था, उसकी समस्या भला कौन सुलझा सकता था।
मैंने कहा- "लेकिन कहीं जाने की क्या जरूरत है, नरेन्द्र मोदी के रहते तुम भी तो दुनिया में रह सकते हो।"
उसने कहा- "नहीं, हमें यह संदेश मिल गया है कि इस धरती पर एक ही रह सकता है। हमने एक सुदूर ग्रह ढूंढा है, अब हम वहीं जा कर बसेंगे। हमने नरेन्द्र मोदी से कहा है कि हमें वहां पहुंचाने का इंतजाम करवा दें। उन्होंने कहा है कि वे करवा देंगे, वे एक टवेरा भेज रहे हैं हम सबके लिए।"
मैंने कहा- "लेकिन टवेरा से आप दूसरे ग्रह तक कैसे जाएंगे ?"
उसने कहा- "नरेन्द्र मोदी क्या नहीं कर सकते, वे टवेरा तो क्या साइकिल से वहां तक पहुंचा दें। हम यूं ही रिटायर थोड़े ही हो रहे हैं।"
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